शिष्टाचार और अच्छी सोच से बनती है तकदीर - जान रे ! दोस्तों ! ब्रिटिश विद्वान जान रे को प्रभाव शाली दार्शनिक और थियोलोजिस्ट के रूप में जाना जाता है ! जान रे 17 वीं सदी के वनस्पति विज्ञानी और प्रकृति वादी थे ! टैक्सोनामी के विकास में इस ब्रिटिश विद्वान ने बड़ी अहम भूमिका निभाई ! 1- खूबसूरती ताकत है और मुस्कान इसकी तलवार है ! 2- व्यक्ति जितना ईमानदार होता है ,उसकी तकदीर उतनी ही खराब होने की संभावना होती है ! 3-व्यापार करना है तो एक हाथ में तकदीर और दूसरे हाथ में मितव्ययता होनी चाहिए ! 4-इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता किआप सही मार्ग पर हैं ,अगर आप मार्ग पर जाकर बैठ गये हैं तो भी यह किसी काम का नहीं ! 5- हाथों में बहुत अच्छे पत्ते होने से भी कोई किस्मत वाला नहीं हो जाता !किस्मत तो उसका साथ देती है जो सही समय पर खेल खत्म करके घर जाने का फैसला करता है ! 6- जिनसे हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं उनके समक्ष कम ही इसे जता पाते हैं ! 7-जो ख़ुशी साझा की जाती है वो दोगुनी हो जाती है ! ऐसी ख़ुशी आपको भी कुछ देती है और दूसरों को भी ! 8- जो व्यक्ति दुश्मन को भी अपना दोस्त बना लेता है वो समझदार कहलाता है ! 9- अच्छे शब्द शीतल जल से भी शीतल होते हैं ! 10- धन, उन्मुक्त दिलवाले और रहम दिलवाले लोगों के लिए बना है ! वे लोग ही धन का सही और उचित उपयोग कर पाते हैं ! 11-शिष्टाचार और रहन - सहन से ही तकदीर बनती है ! इसी से सम्मान भी मिलता है और सफलता भी ! 12-ईश्वर की महानता उसकी अनमोल रचनाओं में नजर आ जाती है ! 13-मुसीबतें व्यक्ति को समझदार और संघर्ष शील बनाती हैं ! यह जरूरी नहीं कि मुसीबतों का सामना करके व्यक्ति आमिर भी बन जाये ! 14-हर व्यक्ति अपने अनुसार चीजों को देखता -समझता है ! सीख देने से समझदार की समझ बढती जाती है और कम अक्ल की मुर्खता बढती जाती है ! 15- ऐसा कभी नहीं होता कि कोई चीज पहली बार हो रही हो और वो परफेक्ट हो !
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