बार बार प्यास लगना ,पसीना आना या थकावट महसूस करना गर्मी के मौसम की दस्तक देना माना जाता है ! ऐसे में बच्चों -बड़ों सभी की पानी या जूस के जरीय तरल पदार्थ लेने की इच्छा होती है ! कई आहार विशेषज्ञों की मानें तो जूस सेहत के लिय फायदेमंद तो हैं लेकिन पूर्णत : नहीं ! ये कुछ कारण हैं :- फाईबर की कमी :- ज्यादातर फल ,सब्जियों व अनाजों में फाईबर होता है जो पोषक आहार का अहम हिस्सा होता है ! यही रोगों से बचाव कर लम्बे समय तक उर्जावान रखता है ! फलों -सब्जियों को तरल या जूस के रूप में लेने पर छानने से इनके फायदेमंद फाईबर बाहर ही रह जाते हैं ! ऐसे में बिना फाईबर वाला जूस पीने से ज्यादा फायदा नहीं होता ! नोट :- जूस बिना छाने फाईबर सहित ही पीने से ज्यादा फायदा करता है ! जल्दी भूख लगती है :- हमारा शरीर ठोस आहार के मुकाबले तरल को जल्दी पचाता है जिससे जूस पीने के कुछ देर बाद ही भूख लग जाती है ! सुस्त पाचन प्रणाली :- पाचन प्रणाली पहले से कटे फल और सब्जियों या तरल रूप में पदार्थों को प्राप्त करने की आदि हो जाती है जो इस प्रणाली को और सुस्त करता है ! साधारण ठोस आहार से हार्मोनल स्त्राव का प्रभाव घटने लगता है ! ऐसे मिलेगा फायदा ;- 1 - फलों के मुकाबले सब्जियों के जूस ज्यादा अच्छे हैं ! यदि आप अपने भोजन में ज्यादा सब्जियां नहीं ले पाते तो कई सब्जियों का मिक्स जूस पी सकते हैं ! गाजर -चुकन्दर के जूस में काफी कैलोरी होती है ! 2- न्यूट्रीबुलेट जैसी नई मशीनों की मदद से बिना गूदा-फाईबर निकाले जूस निकाला जाता है -ऐसा जूस पियें ! 3- ताजा जूस ही पियें ! जब जूस पीना हो तभी फल या सब्जी छिलें व काटें ! घंटों भर पहले कटे फलों या सब्जियों का जूस न बनाएं ! 4- ताजा जूस बनाते समय उसमें कददू ,सूरजमुखी व अलसी के बीज मिला सकते हैं !इनसे जूस की पौष्टिकता की मात्रा बढ़ जाएगी !
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