Thursday, March 1, 2018
Monday, February 19, 2018
चिडे चिड़ी की कहानी
दोस्तों , आज मैं आपको एक चिडे चिड़ी की कहानी बताता हूँ ! एक जंगल में एक चिड़ा और चिड़ी रहते थे ! एक दिन चिड़ी अपने चिडे से बोली - सुनो जी ,कि तुम मुझे अकेला छोडकर कभी उड़ तो नहीं जाओगे ? चिडे ने कहा - अगर कभी मैं उड़ भी जाऊ, तो तुम आकर मुझे पकड़ लेना ! चिड़ी ने कहा - हाँ ! मैं फिर से तुमको पकड़ तो सकती हूँ , पर मैं तुम्हारा प्यार तो नहीं पा सकती ! मैं किसी तरह तुम्हें बांधकर तो नहीं रख सकती ! चिड़ा बहुत ही सीधा और भोला था ! वह अपनी चिड़ी से बेइंतहा प्यार करता था ! चिडे ने कहा- क्या तुम्हें मेरे पर भरोसा नहीं ? क्या तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं ? चिड़ी ने कहा - हाँ ! भरोसा और विश्वास तो है पर फिर भी ... चिडे ने कहा - पर फिर भी क्या ? अगर तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं तो लो ! मैं अपने सारे पंख ही तोड़ देता हूँ ! न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी ! ऐसा कहकर चिडे ने अपने सारे पंख ही तोड़ कर फ़ेंक दिए ! चिडे ने अपनी आँखों में आंसू भरते हुए कहा - लो अब तो मैंने मेरे सारे पंख तोड़ दिए ! अब तो थोडा मुस्कुरा दो ! अब तो तुम खुश हो ? अब मैं तुम्हें छोडकर , बिना पंखों के उडकर कहीं नहीं जा सकता ! अब हम दोनों साथ साथ रहेंगे ,साथ साथ जियेंगे और साथ साथ ही मरेंगे ! चिड़ी ने मुस्कुराते हुए कहा - हाँ ! अब मुझे तुम पर पक्का विश्वास हो गया है कि अब तुम सिर्फ मेरे हो ! और मेरे लिए कुछ भी कर सकते हो ! चिड़ा - चिड़ी ने सात जन्मों तक साथ साथ जीने -मरने के वादे कर लिए ! अभी साल भर भी नहीं बिता था कि जीवन में संघर्ष का दौर शुरू हो गया ! एक दिन आकाश में शाम ढले जोरदार तूफान घिर आया ! चिड़िया तूफान का शोर सुनकर डरने लगी ! चिडे ने कहा - देखो ! आसमान में तूफान जोरदार घिर गया है ! तुम उडकर कहीं सुरक्षित स्थान में चली जाओ ! देखो मैं तो अब बिना पंखों के उड़ नहीं सकता ! हो सकता है इस तूफान में मैं तो यहीं मर जाऊँ ! पर तुम तो उड़ सकती हो ! तुम तो उडकर अपनी जान बचाओ ! चिड़ी ने कहा- हाँ ! तुम सच कह रहे हो ! यहाँ रहकर इस तूफान से बचना मुश्किल है ! चिड़िया ने फिर कहा- अच्छा तो मैं जा रही हूँ ! तूफान बहुत तेज है ,तुम अपना ख्याल रखना ! ऐसा कहकर वह चिड़िया उडकर चली गई! चिड़ा बेबस कातर नजरों से चिड़िया को उडकर जाते हुए देखता रहा ! चिड़िया की बेवफाई और चिडे की मज़बूरी के कारण चिडे की आँखों से टप टप आंसू टपकने लगे ! दूसरे दिन जब तूफान थमा तो वह चिड़िया वापस लौटकर उस पेड पर आई जहाँ वह अपने चिडे को छोडकर गई थी ! चिड़िया ने देखा कि चिड़ा एक तरफ मरा हुआ पड़ा है ! और दूसरी ओर एक डाली पर लिखा हुआ था ! " हे मेरी प्राण प्यारी ! काश उड़ने से पहले तुम एक बार तो यह कह देती कि नहीं ! मैं तुम्हें इस हालत में अकेला छोडकर नहीं जा सकती ! हम दोनों मरेंगे तो साथ साथ और जियेंगे तो साथ साथ ! काश ! ऐसा अगर तुम मुझे दिखावे के लिए एक बार झुँठा ही कह देती ! तो शायद मैं तूफान आने से पहले ऐसे तेरी बेवफाई और तन्हाई में अकेला तडफ तडफ कर नहीं मरता !'' चिड़ी के उडकर चले जाने के बाद चिड़ा ,चिड़ी के बेवफाई के गम में तूफान आने से पहले ही मर गया था ! अपने चिडे को मरा हुआ देखकर चिड़ी को अपनी बेवफाई पर बड़ा अफ़सोस और पछतावा होने लगा ! वह धहाडे मार मारकर जोर जोर से रोने लगी ! चिड़ी ने भी रोते रोते चिडे के पास जाकर अपने प्राण त्याग दिए ! दोस्तों ! अपने जीवन साथी को इस तरह जिन्दगी के तूफान ,दुःख और मुसीबतों के भंवर में कभी भी अकेला छोड़कर मत जाओ ! पता नहीं की फिर जीवन में दोबारा मिलें या ना मिलें ! यह सच है कि जीवन में अगर सच्चे जीवन साथी का साथ मिल जाता है तो हर तूफान से लड़ने की हिम्मत और हौंसला हजार गुना हो जाता है ! कभी भी अपने जीवन साथी को कमजोर मत पड़ने दो !उन्हें मुसीबतों में आपके सहारेऔर प्यार की बहुत जरूरत होती है ! दोस्तों ! प्यार ही वह शक्ति है जो जीवन में हर संघर्ष को आसान बना देती है !ये जीवन तूफान ,दुःख और मुसीबतों से एक साथ मिलकर लड़ने के लिए है ! पति पत्नी दोनों मिलकर एक और एक दो नहीं बल्कि एक और एक ग्यारह हो जाते हैं ! मरना प्रकृति का एक शाश्वत सत्य है ! तो फिर क्यों न हम हंसी ख़ुशी एक साथ जियें और एक साथ मरें ! क्यों न हम हर लम्हें का पूरा पूरा आनन्द लें ! वादा करो तो वादा निभाओ भी ! यही प्यार है ! यही जीवन है ! यही सत्य है !
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