आशा ,स्वाभिमान और जुनून को जीवित रखना ही जीवटता है !
आशा , जुनून और रचनात्मकता हर व्यक्ति के अंदर समाहित होती है , बस उसे सही दिशा और अवसर मिलने की जरूरत होती है ! यह दिशा और अवसर अधिकतर व्यक्ति के परिवेश पर निर्भर करता है ! और बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि वह व्यक्ति अपने परिवेश की व्याख्या अपने लिए किस तरह करता है ! परिवेश और परिस्तिथियों की व्याख्या अक्सर दो तरह से की जा सकती है , पहली - "मेरी परिस्थितियाँ ठीक नहीं थी , जिस कारण मैं जीवन में वह काम नहीं कर पाया !" दूसरी - " मेरी परिस्थितियाँ ठीक नहीं थी, फिर भी मैंने कड़ी मेहनत करके यह काम कर ही लिया !" असली बात इन दो व्याख्याओं के बीच ही छिपी हुई है ! जीवन में असली बात है - सजगता , रचनात्मकता , जुनून , स्वाभिमान और कर्तव्यनिष्ठता, अपने प्रति , परिवेश के प्रति और लोगों के प्रति ! जीवन में आशा, स्वाभिमान , सपना , संकल्प , हौंसला और विश्वास को जिन्दा रखना बहुत ही महत्वपूर्ण है ! हेलन केलर ने कहा है कि कभी अपना सिर मत झुकाओ ! हमेशा अपना सिर तना हुआ रखो और सीधे दुनिया की आँखों में देखो ! व्यक्ति को जीवन के जोखिमों का सामना और सम्मान करना आना चाहिए ! जीवन में बहुत बार ऐसी अनजान बाधाएं और मुसीबतें पैदा हो जाती हैं , जो न जाने किस -किस तरह से जीवन की गति को ठहराव में बदल देती हैं ! आशा , सजगता , आत्मविश्वास , जुनून, श्रम और दृढ़ संकल्प के साथ अपने भीतर गहराई में उतरना जरूरी है ! जीवन में अगर गलतियाँ सुधारना संभव न हो तो एक नई शुरुआत करना सबसे अच्छा रास्ता है ! जीवन में अपने अच्छे कामों पर गर्व करो , इससे निराशा खत्म होती है !
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