अरोमा वाष्प से भाप स्नान
भाप ( स्टीम बाथ ) लेना एक पारम्परिक देशी उपचार है ! शरीर के बंद रोम छिद्रों को खोलकर तरोताजा करता है भाप स्नान ! स्टीम भाप वैसे तो हर मौसम में ली जा सकती है लेकिन सर्दियों के मौसम में यह विशेष फायदा पहुंचाती है ! कई देसी सुगन्धित जड़ी बुटियों को डालकर अरोमा भाप लेने से कई रोगों में फायदा होता है ! स्टीम बाथ शरीर के रोम छिद्रों को खोलकर विषैले पदार्थों व यूरिक एसिड आदि को शरीर से बाहर निकलकर मृत त्वचा को हटाता है ! अरोमा भाप पानी में कई तरह की देशी जड़ी - बूटियां , औषधियां ,तेल ,पत्तियां आदि को डालकर गर्म करके भाप लेते हैं ! कब कौनसा अरोमा बाथ लें - * तेल - पानी में पिपरमेंट , लैवेंडर या कपूर के तेल की 10-15 बूंदें , यूकेलिप्टस डालकर भाप लें ! फायदा - इस तेल की भाप लेने से इसकी खुशबु और औषधीय प्रभाव से तनाव ,बैचेनी ,अनिद्रा ,सिरदर्द आदि को दूर कर दिमाग को तरोताजा रखता है ! गले की खराश दूर होकर फेफड़े से कफ बाहर निकालने के साथ ही सिरदर्द में राहत मिलती है ! साथ ही खांसी ,सर्दी -जुकाम निमोनिया आदि को दूर कर साँस नली में मौजूदा बैक्टीरिया को नष्ट करता है ! * पत्तियां - गर्म पानी में औषधीय व खुशबूदार फूलों व पौधों की पत्तियां जैसे - तुलसी ,लैवेंडर ,लेमनग्रास ,मोगरा ,कमल ,चमेली ,रोजमेरी ,पुदीना और यूकेलिप्टस डालकर भाप लेते हैं ! फायदा - इस अरोमा बाथ की खुशबु शरीर को तरोताजा करने के साथ ही मानसिक सुकून भी पहुंचाती है ! यह त्वचा की चमक बढ़ाने ,बढती उम्र का असर कम करने के साथ ही मुंहासों में फायदेमंद है ! * क्वाथ - चिकित्सक की सलाह के अनुसार म्हास्नानादी , दसमूल और एरंडमूल क्वाथ डालकर भाप लें ! फायदा - आर्थराइटीस , वात रोगों में होने वाले जोड़ों का दर्द , जकडन और सूजन में फायदा होता है ! * मसाले - दालचीनी , अदरक , अजवाइन , हल्दी , सोंफ आदि की भाप ले सकते हैं ! फायदा - सिरदर्द , खांसी - जुकाम , साँस से जुड़े रोग व नाक बंद होने में कारगर है ! कैसे लें - पूरे शरीर को भाप देना सबसे अच्छा होता है ! अगर शरीर के किसी खास हिस्से को ही , जैसे जोड़ों का दर्द आदि है तो प्रभावित हिस्से को ही भाप दें ! भाप के पांच बड़े फायदे हैं - 1 - रक्तसंचार बढ़ता है , 2-इम्युनिटी बढती है , 3- बैक्टेरिया -वायरस नष्ट होते हैं , 4- वजन घटता है , 5-मसल्स को आराम मिलता है ! ध्यान रखें -भाप न्यूनतम 15-20 मिनिट और अधिकतम 30 मिनिट ही लेवें !
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