अरोमाथैरेपी से देशी उपचार (भाग -1)
आयुर्वेदिक ग्रन्थों एवं चिकित्सकों के अनुसार इसमें जो पेड़ पौधे और फूलों के अर्क का प्रयोग किया जाता है वे पूर्ण रूप से प्राकृतिक होते हैं ! इनका सीधा असर शरीर के रोग ग्रस्थ हिस्से पर पड़ता है ! अरोमा का सीधा सा अर्थ है -खुशबू व थैरेपी का मतलब है उपचार ! यानी खुशबु की मदद से उपचार !अरोमा थैरेपी एक औषधीय उपचार की एक सरल और देशी प्रक्रिया है जिसमें कई पोधों से खुशबु एवम उनके अहम तत्व विशेष विधि से निकालकर उनका प्रयोग कई रोगों के इलाज में किया जाता है ! अरोमा थैरेपी में कई तरह के सुगन्धित तेल , पानी की भाप,कुछ सुगन्धित मिश्रण आदि का इस्तेमाल मालिश और नहाने के लिए किया जाता है ! इस थैरेपी के दौरान शरीर पर मौजूद कई एक्यूप्रेशर बिन्दुओं की बाहरी रूप से मसाज की जाती है ,जिससे शरीर को आराम मिलता है ! * चंदन- चंदन की खुशबु वाले उत्पादों के प्रयोग से पेशाब में जलन और रुकावट में आराम होता है ! इसके अलावा सीने में दर्द ,तनाव आदिके लिए भी यह कारगर है ! आध्यात्मिक रूप से भी इसके कई फायदे हैं ! ध्यान व योग के दौरान चंदन की खुशबु एकाग्र क्षमता बढ़ती है ! अरोमा थैरेपी में चन्दन के तेल की मालिश से शरीर की सूजन दूर होती है ! यह त्वचा का रूखापन कम कर नमी बढ़ता है ! * नींबू - नींबू की खुशबू से एकाग्र क्षमता बढ़ती है ! यह आर्थराइटीस, मुहासों को दूर करने व पाचन क्षमता को दुरुस्त करने में बड़ी कारगर है ! नींबू की महक दिमाग की उथल -फुथल को शांत करके मानसिक कार्य क्षमता को बढ़ाती है ! सिरदर्द से राहत पाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी नींबू की महक मददगार हो सकती है ! * गुलाब - गुलाब की खुशबु से तनाव के अलावा पितदोष , और पाचन से जुडी समस्याओं में आराम मिलता है ! इसके अलावा रक्तसंचार ,हृदय और सांस् संबंधी रोगों जैसे अस्थमा में राहत देता है ! महिलाओं को होने वाली दिक्कतों में भी गुलाब की महक बड़ी कारगर होती है ! नोट - गर्भवती महिलाएं गुलाब की खुशबु न लें ! क्रमश ''''''''''
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