उत्तम पुरुष वे नहीं हैं, जो अवसर की बाठ जोहते हैं ,बल्कि वे हैं जो अवसर को अपने अधीन रखते हैं ! वे स्वयं अवसर के अधीन नहीं होते ! सफलता को व्यक्ति की सोच से नापा जा सकता है ! व्यक्ति कितना बड़ा सोचता है ,यही उसकी उपलब्धियों और सफलता को दर्शाता है ! सिकन्दर ने जब एक शहर जीत लिया तो ,किसी ने उनसे पूछा की, यदि अवसर मिला तो क्या आप दूसरा शहर भी जीतेगें ? सिकन्दर ने जवाब दिया ,अवसर ? यह क्या होता है ? मैं तो स्वयं अवसर बनाता हूँ ! * सफलता पाने के लिए सबसे पहले अपनी इच्छा -शक्ति में द्ढता लाएं ! * अवसर को पहचानने की क्षमता और उसे पकड़ने की योग्यता रखें ! * जब कोई आप पर विश्वास करें ,तो इस स्थिति को भी आप एक अवसर समझें ! * खुशमिजाज और सकारात्मक विचार वाले लोगों के साथ रहें ,ताकि आप की जिन्दगी भी मुस्कुराती रहे ! * समस्याओं के जाल में स्वयं को न उलझाएँ बल्कि उनके समाधान खोजने की दिशा में कार्य करें ! * ऐसे मित्रों का चयन करें जो आपको आगे बढने ,कुछ नया करने की दिशा में प्रोत्साहित करें ! निराशा , हताशा की बात करने वाले मित्रों को अपने से दूर रखें ! दुनियां के सफल लोगों ने आपत्तियों में ही अवसर ढूंढे हैं ! यदि व्यक्ति में अपने काम करने का जुनून, बल और दढ संकल्प शक्ति है तो प्रत्येक अवसर अनुकूल होगा ! जीवन में वही सफल होता है , जिसका काम उसे निरंतर आनन्द देता है !
No comments:
Post a Comment