जोखिम और विश्वास सफलता के दो पाए हैं
दोस्तों ! सफलता और असफलता की यात्रा निरंतर और अनवरत चलती रहती है ! ये जोखिम ,परिवर्तन और विश्वास की सीढियों से चढती -उतरती और बाधाओं -मुश्किलों के पडाओं से गुजरती रहती है ! कई बार जब कड़ी मेहनत और कठोर संघर्ष करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती तो कुछ निराशा होने लगती है ! ऐसे वक्त व्यक्ति में इन निराशाओं से लड़ने की बड़ी ताकत और सामर्थ्य होना चाहिए ! लेकिन सच बात तो यह है कि इन रुकावटों -मुशिकलों से वे लोग ही लड़ते - जूझते हैं या आगे निकलते हैं जिनमें हिम्मत और जुनून होता है ! कहते हैं जब तक व्यक्ति को सफलता मिलती है तब तक वह अकेला रह जाता है ! क्योंकि काम के जुनून के कारण सफलता मिलने तक दोस्त , रिश्तेदार पीछे छूटने लगते हैं ! जीवन में जो भी काम करें , पूरी लग्न- ईमानदारी , जूनून और पुरे सामर्थ्य से करना चाहिए ! दोस्तों ! व्यक्ति में जुनून और लग्न ढृढ़निश्चय तथा पक्के इरादे से आता है !
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