मन की सुनने और करने से होती है जीवन की समस्यायें हल
* - यदि तुम्हारा हृदय पवित्र है तो तुम्हारा आचरण भी सुंदर होगा ! यदि आचरण सुंदर है तो तुम्हारे घर में शांति रहेगी !यदि घर में शांति है तो राष्ट्र में सुव्यवस्था रहेगी ! और यदि राष्ट्र में सुव्यवस्था है तो समस्त विश्व में शांति और सुख रहेगा ! - कन्फ्यूशियस अक्सर लोग अपनी गलतियाँ छिपाने के लिए तरह-तरह के बनाते रहते हैं ! दरअसल हमें अपनी कमजोरियों की पहचान करनी आनी चाहिए , उनसे बचने के बहाने नहीं ! बिना कोशिश हम गलतियों को कभी भी दूर नहीं कर सकते ! अगर हम अपने हर काम का आंकलन -मुल्यांकन पहले से करें तो यह तय है कि कोई भी गलत कदम उठेगा ही नहीं ! अक्सर लोग अपनी गलतियों , अपनी असफलताओं या प्रतिकूल परिस्थितियों में दूसरों को दोष देकर , भाग्य के माथे सब कुछ मढ़कर बच निकलने का आसन रास्ता खोजने की कोशिश करते हैं ! पर हकीकत इसके विपरीत है की असफलताओं , और गलतियों से मिली सीख ही व्यक्ति की सबसे अच्छी दोस्त होती है ! अगर जीवन में असफलता न हों तो सफलता के अर्थ और महत्व ही खत्म हो जायेंगे !अक्सर यह भी बताया जाता है किअपने मन की बात दोस्तों से , अपने परिजनों से जरुर करें , उन्हें बताएं तो मन को बहुत शांति मिलेगी ! अपनों से बातचीत करने से कोई न कोई रास्ता जरुर निकलता है ! लेकिन अपनी समस्याओं का हल स्वयं को ही खोजना पड़ता है ! अपनी समस्याओं का हल दूसरा और कोई नहीं बताता ! हाँ ! दूसरे लोग सलाह दे सकते हैं , किसी अच्छे रास्ते की और इंगित कर सकते हैं ! मगर चलना स्वयं को ही पड़ता है ! कई बार गुस्से में हम किसी को ऐसी बात कह जाते हैं जो नहीं कहनी चाहिए थी ! बाद में हमें उस बात का पछतावा भी होता है ! कोई अच्छा सम्बन्ध एक क्षण में ही खत्म हो जाता है ! एक अच्छा सम्बन्ध जिसे बनाने में हमें पूरा जीवन लग जाता है , वह पल भर में ही खत्म हो जाता है ! अगर गुस्सा करने से पहले थोडा शांति से विचार कर लिया होता तो गुस्सा आता ही नहीं ! दोस्तों ! अगर आप अपने मन की सुनेंगे , खुद से बात करेंगे , तो अपने को भी पहचानेंगे और दूसरों को भी ! हमारा मन ही तो है ,जो हमें दुनिया को पहचानने का परखने का धैर्य देता है ! इसीलिए जरूरी है कि सुनें सबकी और करें अपने मन की !
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