कहते हैं गुस्सा आपकी कमजोरी भी हो सकता है और ताकत भी ! गुस्से को अपनी कमजोरी बनाकर कोई लाभ नहीं लिया जा सकता सिवा नुकसान के ! लेकिन गुस्से को अपनी ताकत बनाकर जीवन में आप बड़ी कामयाबी तक का सफर आसानी से तय कर सकते हैं ! गुस्से को सही दिशा देकर उससे भरपूर लाभ उठा सकते हैं ! गुस्सा एक पल में भी किसी को मूर्ख और बर्बाद साबित कर सकता है ! बहुत से लोगों की आदत बात बात में गुस्सा करने की होती है ! कुछ ठोस और सकारात्मक प्रयास करके गुस्से पर बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है ! 1- केवल गुस्से का कारण जानने भर से ही गुस्से पर काबू नहीं पाया जा सकता है , बल्कि उसमें सकारात्मकता होनी चाहिए ! कई लोगों के लिए गुस्सा बहुतताकतवर प्रेरणा और मोटिवेशन का कम करता है ! अगर गुस्से को एक सही दिशा दी जाये तो यह बड़ा लाभदायक भी हो सकता है ! व्यक्ति को अधिकतर इसी दिशा में सोचना चाहिए ! सकारात्मक सोच से समस्याओं के समाधान में मददगार भी होगा ! इस तरह अपने गुस्से को सकारात्मक और रचनात्मक दिशा दी जा सकती है ! 2 - व्यक्ति को यह भी जान लेना चाहिए कि उसे गुस्सा कब और क्यों आता है ! यह जान लेना नितांत आवश्यक है कि किन परिस्थितियों में आपको अधिक गुस्सा आता है, और वह आप पर इतना हावी कैसे हो जाता है ! कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी डर,किसी हार,या किसी छोटी सी गलती या किसी भूल ने गुस्सा दिलाया हो ? दोस्तों यह सच है कि इन्सान को अक्सर तो गुस्सा तब आता है ,जब उसका मन चाहा काम नहीं हो रहा होता है ! असल में हम सभी को कभी न कभी इस स्थिति से गुजरना ही पड़ता है ! अपनी गलतियाँ स्वीकारने ,जिम्मेदारियां कबूल करने की भावना गुस्से पर नियन्त्रण ला सकती है ! 3- गुस्सा मानव कि एक स्वाभाविक प्रकिया है ! यह सभी लोगों में होती है ! गुस्से का सकारात्मक पक्ष यह है कि जब एक जैसे लोग एक ही लक्ष्य के बारे में सोचते हैं तो उनकी ताकत सैंकड़ों गुना बढ़ जाती है ! अगर वे एक साथ एक टीम के रूप में काम करना शुरू कर दें तो वे अपने प्रति द्वन्दियों से काफी ताकतवर बनकर उभर सकते हैं ! लेकिन यह भी सच है कि अगर गुस्सा अनियंत्रित हो जाये तो खुद का या दूसरों का भयंकर नुकसान भी कर सकता है ! महात्मा बुद्ध ने गुस्से के बारे में कहा है कि - दूसरों द्वारा आपको गुस्से के लिए दंडित नहीं किया जाता ,बल्कि गुस्सा ही आपको दंडित करता है !
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