Monday, November 13, 2017
Thursday, November 9, 2017
समस्याएं जाहिर करें ,हल इनमें ही छिपा है
अपनी समस्याएं जाहिर जरुर करें ,क्योंकि इन समस्याओं का हल कहीं न कहीं इनमें ही छिपा हुआ है ! विफलताएं काम का एक हिस्सा मात्र होती हैं ! लेकिन इसे हर वक्त और हर मामले में सही नहीं ठहराया जा सकता है ! असफलताएं अपने काम में लापरवाही भी इसकी एक वजह हो सकती है ! समस्याओं को साझा और जाहिर करना कितना उपयोगी है ! 1-समस्याएं साझा करने से बढती है विश्वसनीयता :- बेहतर है कि जीवन में सभी समस्याओं का सामना पूरी तरह नीडर होकर तथा खुलकर करें ! अगर आप अपनी समस्याओं को खुलकर रखेंगे तो पूरी स्थिति पर आपका नियन्त्रण हो जाएगा ! यह सैद्धांतिक रूप से उचित ही नहीं बल्कि अधिक तर्कसंगत भी होगा ! क्योंकि ऐसा करने पर आप भरोसेमंद माने जायेंगे और आपकी विश्वसनीयता भी बढ़ेगी ! 2-फीडबैक देना बंद न करें :- किसी व्यक्ति को आप फीडबैक दें और अगर वो इसे ख़ारिज कर दे तो उसमें कोई बुराई नहीं है ! इससे आप ऐसा कतई न सोचें की आपका आइडिया अच्छा नहीं था और अब भविष्य में किसी और को आइडिया देंगे ही नहीं ! ऐसे मौके पर आपको नकारात्मक विचारों से बचने की जरूरत होती है ! 3- जोखिम उठायें और असफलता को चुनौती के रूप में लें :- कभी कभी लोग इसलिए असफल होते हैं ,क्योंकि वे अपना काम ठीक तरह नहीं करते और कभी इसलिए कि उनमें क्षमताओं की कमी होती है और वे उसमें सुधार की कोशिश ही नहीं करते ! जोखिम उठाने की प्रवृति और असफलता को स्वीकार करने से इनोवेशन का रास्ता खुलता है ! हालांकिअसफलता काम ही एक हिस्सा है पर इस स्थिति को पहचानना और साथियों को आगे बढने के लिए प्रेरित करना जरूरी है !
अपने काम में मन लगाकर करने से कम होता है तनाव
एक नहीं कई सर्वे में यह बात साबित भी हुई है किअपने काम में पूरा मन लगाकर करने वाले लोग अपनी भावनाओं को मैनेज करने में माहिर होते हैं और तनाव की स्थिति में भी शांत बने रहते हैं ! दरअसल ऐसे लोग इस बात का ध्यान रखते हैं कि उन्हें क्या -क्या अच्छी चीजें हासिल हैं ! वे इसके लिए सम्मान, आदर और आभार का भाव बनाये रखते हैं ! म्यूजिशियन जिगी मैरली ने कहा है किअपने काम में पूरा मन लगाकर प्रोडक्टीव् काम करना सबसे अच्छा है ! क्योंकि इससे तनाव कम होता है ! काम में पूरा मन लगाकर ,डूबकर काम करने से परिणाम भी बेहतर आता है ! और जब काम का बेहतर परिणाम आता है तो मूड स्वत : ही अच्छा बना रहता है, क्योंकि इससे स्ट्रेस हार्मोन का स्तर 25 प्रतिशत तक कम होता है ! यह बात एक यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आई है ! तनाव कम करने और इससे बचकर सहज बने रहने का एक तरीका यह है कि खुद की नकारात्मक सोच से दूर रहें ! असल में व्यक्ति जितना नकारात्मक विचारों में डूबता जाता है उतना ही इस तरह की भावनाएं हावी होती जाती हैं ! जब कभी व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचार हावी होने लगे तो एक सरल उपाय यह है कि अपने नकारात्मक विचारों को एक कागज पर लिख लेना चाहिए ! फिर इसे अपने विश्वस्त दोस्तों और घर -परिवार के लोगों को दिखाना चाहिए ! इस तरह जरुर कोई समाधान निकलकर आएगा !
सुनहरी बातें
1- बार बार असफल होने पर भी उत्साह न खोना ही सफलता है ! -विंस्टन चर्चिल ! 2- सफल और कामयाब आदमी बनने के बजाय हमेशा एक महत्त्वपूर्ण आदमी बनने की सोचिये ! -अल्बर्ट आइंस्टाइन ! 3- एक सफल व्यक्ति वह है जो दूसरों द्वारा अपने ऊपर फेंकी गई इंटों से एक मजबूत नींव भरकर मकान बना ले ! - डेविड ब्रिंकले ! 4- धैर्य के माध्यम से कई लोग उन परिस्थितियों में भी सफल हो जाते हैं जो कि एक निशिचत विफलता जान पडती है ! - बेंजामिन डिजेली ! 5-मुझे सफलता का मन्त्र नहीं पता ,लेकिन सभी को खुश करने का प्रयास करना ही विफलता का मूल कारण है ! -बिल कॉसबी ! क्रमश .......
Sunday, November 5, 2017
अहिंसा का अर्थ कायरता नहीं
बहुत पुराने समय की बात है ! एक राज्य पर किसी दूसरे देश के विधर्मी शासक ने एक बार अचानक से आक्रमण कर दिया ! राजा ने अपने सेनापति को तुरंत आदेश दिया कि वे सेना लेकर सीमा पर जाएँ और उन आक्रमणकारी- अत्याचारी का मुंहतोड़ जवाब दें ! उस राज्य का सेनापति अहिंसावादी था ! वह लड़ना नहीं चाहता था ! लेकिन राजा का आदेश सीमा पर सेना ले जाकर लड़ने का था ! वह सेनापति बड़ी मुसीबत में पड गया ! बड़ी अजीब स्थिति थी ! आतताइयों से राज्य को भी बचाना जरूरी था ! सेनापति को जब कोई रस्ता नहीं सुझा तो वह अपनी समस्या लेकर परामर्श करने के लिए भगवान बुद्ध के पास गया ! उनके चरणों में नमन किया और अपनी समस्या बताते हुए कहा कि -हे भगवन !अगर युद्ध होगा तो सैकड़ों सैनिक मारे जायेंगे ,धन -बल का भी भारी नुकसान होगा , क्या यह हिंसा नहीं है ? महात्मा बुद्ध ने उसे समझाते हुए कहा कि हाँ यह हिंसा तो है ! पर मुझे तुम यह बताओ कि यदि हमारी सेना ने उन अत्याचारियों का मुकाबला न किया तो क्या वे बिना अत्याचार ,लुट -पाट किये वापस अपने देश चले जायेंगे ? सेनापति ने कहा-नहीं, वे बिना अत्याचार और बिना लुट -पाट के तो वापस नहीं जायेंगे ! वे हमारे देश में निरपराध लोगों की हत्या करेंगे ! फसल ,सम्पत्ति और धन बल का भारी नुकसान करेंगे ! महात्मा बुद्ध ने कहा-अगर आक्रमणकारी ऐसा करेंगे तो क्या यह हिंसा नहीं होगी ? यदि तुम यही सोच कर, हिंसा के भय से चुप बैठे रहे तो जरा सोचो ,तब हमारे देश के कितने निर्दोष लोग मारे जायेंगे ? राज्य को कितना नुकसान होगा ?और हाँ ,इस हिंसा का पाप तुम्हारे सिर पर ही आएगा ! बुद्ध भगवान की बात सुनकर सेनापति ने अपना सिर झुका लिया ! क्या हमारी सेना आक्रमणकारियों से लड़ने में सक्षम है ? बुद्ध ने सेनापति से पूछा ! जी हाँ ! सेनापति ने उत्तर दिया ! बुद्ध ने कहा- तो ऐसे में देश और प्रजा की रक्षा करना ही तुम्हारा परम धर्म और परम कर्तव्य है ! अहिंसा का अर्थ कायरता नहीं है ,बल्कि दूसरे पर अत्याचार न करना होता है ! सेनापति ने महात्मा बुद्ध के चरण छुकर आशीर्वाद लिया और युद्ध की रणभेरी बजा दी !
Saturday, November 4, 2017
सरल उपायों से भी दूर होते हैं वास्तु दोष
वास्तु दोष :- भवन में वास्तु दोष होने पर कई तरह के शुभ -अशुभ फल मिलते हैं ! कुछ सरल उपाय करके इन वास्तु दोषों को कम या खत्म किया जा सकता है ! 1- भवन में लगे हुए दरवाजों के स्वत : ही खुलने या बंद होने ,शयन कक्ष के साथ संयुक्त बाथरूम या टायलेट होने अथवा पलंग के ठीक ऊपर छत की बीम होने से मानसिक रोग अथवा हृदय रोग होने की संभावना रहती है ! 2- भवन के दक्षिण अथवा दक्षिण -पशिचम में कुआ होने अथवा एक ही दीवार से मिले हुए दो भवन होने से भी आयु क्षीण हो सकती है ! 3- रसोई घर में दक्षिण की ओर मुख करके भोजन पकाने ,उत्तर या पश्चिम दिशा में सिर करके सोने ,दिन में पूर्व की ओर तथा रात्रि में पश्चिम की ओर मुख करके मल -मूत्र का त्याग करना भी कई रोगों का कारण बनता है !इससे अनिद्रा ,थकान,सिरदर्द ,तनाव ,पेट ,त्वचा एवं अस्थि रोग होने की आशंका रहती है ! 4- भवन के मुख्य द्वार के ठीक सामने कोई मार्ग ,खंभा ,बावड़ी ,वृक्ष ,कुआ, पत्थर , श्मशान घाट , कुम्हार का चाक, शिला ,आदि हो तो भवन स्वामी को मिर्गी ,सन्निपात ,अतिसार ,पथरी अथवा बवासीर रोग होने की आशंका रहती है ! भवन में सुख -शांति ,आरोग्य और सभी तरह के शुभ -लाभ के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना सर्वश्रेष्ट माना जाता है ! सही और समय पर उपाय करके वास्तु दोषों को काफी हद तक दूर किया जा सकता है !
ये पांच विकार मिटे बिना कोई सुखी नहीं हो सकता !
भारतीय ग्रन्थ गीता में कहा गया है कि ये पांच विकार ही मनुष्य के असली दुश्मन हैं ! मनुष्य को सबसे पहले अपने अंदर के इन विकार रूपी दुश्मनों को मारना चाहिए ! 1- कर्म :- व्यक्ति के कर्म ही हैं जो उसे शत्रु और मित्र बनाते हैं ! दुनियां में तो कर्म होते रहेंगे लेकिन यदि हम दूसरों के कर्मों से प्रभावित होकर हम अपना नुकसान कर लें तो यह हमारे लिए ही नुकसानदायक होते हैं ! 2- विचार :- हमारे मन में , विचारों में जब दूसरों के प्रति नफरत और घृणा ,दुर्भावना पैदा होती है तो उसके जिम्मेवार हम ही हैं ! जब हमारे मन में लालच ,गुस्सा ,अहंकार आदि आता है तो वह सबसे पहले हमें ही उद्वेलित करता है ! हमारे ऐसे नकारात्मक विचार ही गलत कर्म करने के लिए बाध्य करते हैं ! 3- अहंकार और चिन्तन :- व्यक्ति के अंदर चाहे कितने भी मूल्य क्यों न हो, अहंकार होने से वे सब व्यर्थ और नष्ट हो जाते हैं ! जब भी व्यक्ति में किसी बात का अहंकार आता है तो सभी मूल्य और नैतिकता नष्ट हो जाते हैं ! यह ऐसी ही स्थिति है जैसे पूरे बाल्टी का पानी शुद्ध हो और उसमें एक बूंद जहर डाल देने से पूरा जहर बन जाता है ! अहंकार को स्वयं से दूर रखने के लिए गहराई से आत्म चिन्तन और निरिक्षण करते रहना बेहद जरूरी होता है ! हमें भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए किहमारे जीवन में कभी अहंकार न आये ! 5- आत्मावलोकन :- किसी भी गलती पर हमें दूसरों को दोषी ठहराने के बजाय खुद में झाँकने का प्रयास करना चाहिए ! जो कामयाब और सफल व्यक्ति होते हैं ,वे इन बातों में सबसे पहले स्वयं का ही आत्मावलोकन करते हैं ! गीता में कहा गया है कि व्यक्ति को सुखी और सफल जीवन जीने के लिए सबसे पहले अपने अंदर के छिपे उन शत्रुओं को मारना जरूरी है जो वह खुद ही पालता है !
Thursday, November 2, 2017
कामयाबी के लिए अपनाएं लो -बजट मार्केटिंग स्ट्रेटिजी
एक कामयाब और सफल एन्टरप्रेन्योर बनने के लिए आपको अपने बिजनेस की मार्केटिंग करनी बहुत ही जरूरी होती है ,भले ही वह लो -बजट ही क्यों न हों ! किसी भी बिजनेसमेन को सफल होने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है ! कोई भी मुशिकल पैसे की समस्या से बड़ी नहीं होती ! पैसे की कमी होने पर भी आप मार्केटिंग को नजर अंदाज नहीं कर सकते ! बिजनेस की सफलता में उसकी मार्केटिंग का अहम योगदान होता है ! अगर आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस की मार्केटिंग सही , बेहतरीन और प्रॉपर ढंग से करते हैं तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता ! सही मार्केटिंग के अभाव में आप चाहे कितनी भी मेहनत क्यों न कर लें और चाहे आपका काम कितना ही अच्छा क्यों न हो ,आप कभी मनचाही कामयाबी नहीं पा सकते ! अगर आपके पास पैसे की कमी हो , तब भी आप लो-बजट वाली बेहतरीन मार्केटिंग स्ट्रेटिजी अपना सकते हैं ! 1 - कंटेंट मार्केटिंग :- कंटेंट मार्केटिंग के लिए आप आनसाइट ब्लॉग मैनेज कर सकते हैं ,और हफ्ते में कभी कभी नया कंटेंट डाल सकते हैं ! आप इन्फोग्राफिस,वीडियो और पाडकास्ट्स के जरिये भी यह कर सकते हैं ! इन तरीकों से आपकी इमेज बेहतर होगी और कस्टमर्स की संख्या भी बढ़ेगी , जिससे आपका बिजनेस भी बढ़ेगा ! 2- ईमेल मार्केटिंग :- ईमेल मार्केटिंग एक सबसे अच्छी कास्ट -एफिशिएंट मार्केटिंग स्ट्रेटिजी है ! आप ईमेल मार्केटिंग के जरिये अपने सभी कस्टमर्स व क्लाइन्ट्सको अपने बिजनेस की नई उपलब्धियों ,नये प्रोडक्ट ,नई सर्विसेज आदि के बारे में बता सकते हैं ! आप जितना समय और पैसा ईमेल मार्केटिंग पर लगाएंगे ,आपको उससे एक सार्थक रिटर्न मिलेगा जो आपको कामयाबी दिलाएगा ! 3-प्रेस रिलीज और न्यूज फीचर्स :- अगर आपके पास ,वाकई कुछ बताने लायक चीज है तो उसे न्यूज आउटलेट्स को बताएं ! यह न्यूज आउटलेट्स आपकी खबर को रिपोर्ट करेंगे ताकि लोग उसके बारे में जान सकें ! अगर आप प्रेस रिलीज लिखना ,पत्रकारों को ईमेल करना आदि काम खुद ही करते हैं तो प्रेस रिलीज आपके लिए एक मुफ्त मार्केटिंग स्ट्रेटिजी का काम कर सकती है ! आप पीआर न्यूज वायर से भी प्रेस रिलीज तैयार करवा सकते हैं ! पर्सनल ब्रांडिंग :- पर्सनल ब्रांडिंग काफी हद तक कार्पोरेट ब्रांडिंग की तरह ही काम करती है ! अंतर सिर्फ इतना ही है कि यह आप पर व्यक्तिगत तौर पर अप्लाई होती है ! इसके जरिये आप खुद को प्रमोट करते हैं ! पर्सनल ब्रांडिंग का फायदा यह होता है कि लोग एक व्यक्ति के रूप में आप पर भरोसा करते हैं और आपको काम देते हैं ! एसईओ :- एस ईओ का मतलब होता है सर्च इंजन आप्टीमाइजेशन ! आप आनलाईन टूल्स की मदद से उन शब्दों के बारे में जान सकते हैं जिन्हें इन्टरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाता है ! अगर आप अपने एसईओ में उन शब्दों को डालेंगे तो आपके आर्टिकल की तरफ ज्यादा से ज्यादा पाठक आयेंगे ! सही और बेहतरीन एसईओ की मदद से आप अपनी वेब साईट पर ज्यादा ट्रैफिक ला सकते हैं ! सोशल मीडिया मार्केटिंग :- आप सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी बिजनेस प्रोफाइल स्थापित कर सकते हैं और इसके जरिये आप अपने टारगेट कस्टमर्स को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं ! इसके साथ ही आप सोशल मीडिया के जरिये अपने पुराने और नये कस्टमर्स व क्लाइन्ट्स से लगातार संपर्क में रह सकते हैं !
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