दोस्तों ! मन का मैल साफ करने का महोत्सव है -रूप चौदस , अर्थात जाने -अनजाने में हुए पापों का प्रायश्चित करने का है ! अपनों तथा परायों से माफ़ी मांगने का सर्व श्रेष्ठ दिन है ! मन स्वच्छ होगा तभी तो वहाँ लक्ष्मी माँ का आगमन और स्थाई निवास होगा ! मन की स्वच्छता के लिए आज के दिन जन कल्याण के कार्य करें ! गरीब लोगों को भर पेट भोजन करवाएं ,उन्हें वस्त्र दान करें , भंडारा करें ! वर्ष भर के दान से बड़ा है रूप चौदस का दान ! ऐसे सुअवसरों का भरपूर लाभ उठायें ! ऐसे अवसरों को ऐसे ही न जाने दें ! दान दें और फिर देखें इसके चमत्कारी परिणाम ! याद रखें आज का दान जरूरत मंद और गरीब के लिए है ! किसी पंडित ,पुजारी या पाखंडी को आज के दिन भूलकर भी दान न दें ! अनाथ ,असहाय निर्बल ,गरीब और जरूरत मंद को जितनी क्षमता -सामर्थ्य हो दान दें और सहायता करें ! बड़े - बुजुर्ग और जरूरत मंदों की सेवा सहायता करने से ही मनो वांछित फल की प्राप्ति होती है !
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