दोस्तों ! लीडर बनना कोई आसान काम नहीं है पर कोशिश करने पर मुशिकल भी नहीं है !लीडर बनने के लिए आपको लगातार और कड़ी मेहनत करनी पडती है ! लीडर के तौर पर सम्मान हासिल करना जरुर और भी मुशिकल काम है ! कुछ इस तरह काम करके लीडर के तौर पर आप लोगों से सम्मान प्राप्त कर सकते हैं ! अपनी बेस्ट सेलिंग बुक " द फर्स्ट 90 डेज "में लेखक माइकल डी वाटकिंस लिखते हैं की अपने नये रोल में सफल होने के लिए पहले तीन महीने बहुत ही महत्त्व पूर्ण रोल निभाते हैं ! अच्छा लीडर कम समय में सब पर अपना जादू चला सकता है ! आइये जानते हैं की नई स्थितियों में लीडर क्वालिटी को किस तरह से बनाये रखा जाये ! 1- खुद को वर्क कल्चर से जोड़ें :- लीडर को बड़ा बदलाव करने से पहले नये वर्क प्लेस के कल्चर को समझने की पूरी कोशिश करनी चाहिए ! माहौल और ग्रुप का बहुत बारीकी से निरिक्षण करना चाहिए ! टीम के सदस्यों के काम करने के तरीकों पर गौर करना चाहिए ! लीडर को हर तरह की स्थिति में खुद को ढाल लेना चाहिए ! कंपनी की रीती नीति,सोच, निर्णय लेने के तरीकों और लक्ष्यों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए ! 2- लीडर का ज्ञान ही उसकी तलवार और ढाल है :- लीडर को साबित करना होता है की वह कंपनी में किसी विशेष और खास मकसद से मौजूद हैं ! लीडर के पास अम्प्लाई द्द्वारा चाही गई हर जानकारी का पूरा जवाब होना चाहिए ! जब टीम के किसी सदस्य को कोई परेशानी आये तो यह मौका लीडर के लिए अपनी खुद की क्षमताओं को साबित करने का होता है ! लीडर की योग्यता का संदेश मजबूती के साथ पूरी कंपनी में फैल जाना चाहिए ! 3- आगे बढकर स्वयं जिम्मेवारी लें :- लीडर को प्रोजेक्ट की जिम्मेवारी स्वयं खुद लेनी चाहिए ! ऐसा न हों कि लीडर किसी भी कमी के लिए अपनी टीम के किसी अन्य सदस्य पर दोष लगाने लगे ! लीडर को अपनी टीम के हर सदस्य का हर समय भरपूर साथ और उत्साह वर्धन करते रहना चाहिए ! 4- गलत को गलत कहने की हिम्मत रखें :- लीडर को अपने वर्क प्लेस पर हमेशा सही और सचेत रहने का प्रयास करना चाहिए ! अगर कोई गलती हो भी जाये तो उसे उसी वक्त सही तरह से संभाल लेना चाहिए ! अन्य कोई गलती करे तो उस पर गुस्सा करने के बजाय उसे अच्छी से समझा देना चाहिए ! हो सके तो अपनी टीम के साथ मिलकर काम करना चाहिए और पता करना चाहिए कि आखिर समस्या क्या है ? 5- लोगों को डराकर चुप न कराएँ :- लोगों को सही तरह से मैनेज करना एक जरूरी लीडर शिप स्किल है ! लीडर के अधिनस्थों को महसूस होना चाहिए की वे कभी भी आकर अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बात कर सकते हैं ! इस तरह का माहौल बनाने के लिए लीडर को अपनी टीम के साथ नियमित रूप से संवाद करते रहना चाहिए ! लोगों की बातों पर गौर करें और जहाँ जरूरत हो ,वहाँ एडजेस्ट भी करें ! लीडर को अपने अधिनस्थों को जानने समझने के लिए वन टू वन मीटिंग करते रहना चाहिए ! 6- चुनौतियां भी लें :- लीडर को लोग जानना चाहते हैं कि उसके अंदर ऐसी विशेष क्या खासियत है ! लीडर को इसे अपनी टीम को दर्शाना भी चाहिए ! लीडर को हर समय चुनौतियां लेनी चाहिए ! लीडर को वह काम करने का प्रयास करना चाहिए ,जो पहले अब तक नहीं किया है ! कोशिश करें कि आपकी टीम आपको बदलाव के लिए पहचाने ! लीडर को हमेशा नई चुनौतियों के बारे में विचार करना चाहिए !
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