दोस्तों ! एक मशहूर कहावत है -" बहाना बनाओगे तो हार जाओगे"! बहाने बनाकर आप कुछ समय के लिए दूसरों को तो संतुष्ट कर सकते हो पर खुद को नहीं ! बहाने बनाने की आदत और किसी दूसरे को दोष देना गलत है ! अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो इस आदत को तुरंत छोड़ दीजिये ! बहाना दरअसल आलसी और नकारात्मक सोच वाले लोगों का खजाना होता है ! ' मैं यह काम नहीं कर सकता ' यह सबसे बुरा बहाना है ! यह बहाना ही सफलता का सबसे बड़ा दुश्मन -शत्रु होता है ! जब एक बार अगर आप स्वीकार कर लेते हैं कि "मैं" कमजोर हूँ ,तो फिर खुद को संबल देना बड़ा मुशिकल होता है ! ज्यादातर लोग गलतियाँ होने पर खुद को बचाने में ही व्यस्त हो जाते हैं ! ऐसा करने से वे अपनी गलतियों से कुछ नहीं सीख पाते हैं ! गलती होने या करने के बाद विजेता और सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति कहते हैं कि-'यह मेरी भूल थी' ! जबकि गलती करने के बाद पराजित और नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति कहते हैं कि-' मैंने यह गलती की ही नहीं !' जार्जवाशिंगटन कार्वर ने कहा है कि 99 फीसदी मामलों में वही लोग विफल होते हैं ,जिनमें बहाने बनाने की ये बुरी आदत होती है ! अगर आप दूसरों को दोष नहीं देते हैं ,तो आप असफल नहीं हो सकते ! अगर आप आगे बढना चाहते हैं ,जीवन में कामयाब होना चाहते हैं तो दूसरों को दोष देना आज और अभी से ही बंद करो ! अगर आप एक बार बहाने बनाने में निपूर्ण हो जाते हैं ,तो आप और किसी काम में निपूर्ण नहीं हो सकते ! इन्सान के पास नाकामयाबी के कई कारण हो सकते हैं ,पर बहाना एक भी नहीं होना चाहिए !अल्बर्ट एलिस ने एक बार कहा था किआपकी जिन्दगी के सबसे अच्छे दिन और अच्छे साल वे होते हैं ,जिनमें आप यह निर्णय लेते हैं किआपकी समस्या कोई और नहीं ,बल्कि आप स्वयं ही हैं ! उस वक्त आपको अपने आप ही अहसास होने लगता है कि अपने भाग्य के निर्माण कर्त्ता कोई और नहीं बल्कि आप स्वयं ही हैं ! खुद की गलती स्वीकार करने के लिए बड़े साहस की जरूरत होती है ! यह साहस तभी आता है ,जब व्यक्ति सच्चाई के साथ कुछ विशेष हासिल करना चाहता है ! हमें फ्लोरेंस नाइटिन्गेल की तरह अपनी गिन्दगी व्यतीत करनी चाहिए ! जिन्होंने कहा था कि ' मैं अपनी कामयाबी का श्रेय इस बात को देती हूँ कि मैंने कभी न तो बहाना बनाया ,और न ही कभी उसे स्वीकर किया !'
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